अटल पेंशन योजना (APY) क्या है ? पढ़िए Step-By-Step Process
अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) भारत सरकार द्वारा संचालित एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के कामगारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए 9 मई 2015 को शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य भारतीय नागरिकों को वृद्धावस्था में नियमित पेंशन प्रदान करना है ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रह सकें।
1. अटल पेंशन योजना का परिचय
अटल पेंशन योजना को मुख्य रूप से उन व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता होती है। योजना का संचालन भारतीय पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा किया जाता है।
2. अटल पेंशन योजना के मुख्य उद्देश्य
- असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेंशन की सुविधा प्रदान करना।
- वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना।
- गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
- देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।
3. पात्रता शर्तें
- योजना का लाभ 18 से 40 वर्ष तक की आयु के भारतीय नागरिक उठा सकते हैं।
- आवेदक का किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में बचत खाता होना अनिवार्य है।
- आयकर दाता (Taxpayer) इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
- योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है।
4. पेंशन विकल्प और योगदान
इस योजना में लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु के बाद 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक मासिक पेंशन प्राप्त होती है। लाभार्थी की मासिक अंशदान राशि उसकी उम्र और चुनी गई पेंशन राशि पर निर्भर करती है। नीचे तालिका दी गई है:
चयनित मासिक पेंशन (₹) | प्रवेश की आयु | मासिक अंशदान (₹) |
---|---|---|
1,000 | 18 | 42 |
2,000 | 18 | 84 |
3,000 | 18 | 126 |
4,000 | 18 | 168 |
5,000 | 18 | 210 |
5. एपीवाई खाता खोलने के लिए प्रक्रिया
- अपने बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाएं जहां आपका खाता है।
- “अटल पेंशन योजना फॉर्म” भरें।
- आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की जानकारी दें।
- मासिक योगदान की राशि चुनें और बैंक को अपनी सहमति दें।
- आपके खाते से स्वचालित रूप से अंशदान राशि काटी जाएगी।
6. अटल पेंशन योजना के लाभ
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।
वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
- गारंटी पेंशन: 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक पेंशन की गारंटी।
- सरकार की सहायक राशि: पात्र लाभार्थियों को सरकार उनके योगदान का 50% या अधिकतम 1,000 रुपये प्रति वर्ष प्रदान करती है।
- आयकर छूट: अंशदान पर आयकर अधिनियम की धारा 80CCD के तहत छूट।
- पारिवारिक सुरक्षा: लाभार्थी की मृत्यु के बाद, पेंशन राशि उसके नामांकित व्यक्ति को दी जाती है।
7. APY में योगदान की गणना
अंशदान की राशि लाभार्थी की आयु और पेंशन के विकल्प पर निर्भर करती है। जितनी कम आयु में इस योजना से जुड़ेंगे, उतना ही कम अंशदान देना होगा।
8. महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- बैंक या पोस्ट ऑफिस में बचत खाता
- आयु प्रमाण पत्र
9. प्रमुख विशेषताएँ
- मासिक, तिमाही या अर्धवार्षिक अंशदान का विकल्प।
- अंशदान की ऑटो-डेबिट सुविधा।
- आवश्यकता पड़ने पर योजना से बाहर निकलने की अनुमति।
- पेंशन राशि को किसी भी समय बदलने का विकल्प।
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FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1: क्या यह योजना केवल गरीब लोगों के लिए है?
नहीं, योजना का लाभ कोई भी भारतीय नागरिक उठा सकता है, बशर्ते वह आयकरदाता न हो।
Q2: योजना से बाहर कैसे निकलें?
आपातकालीन स्थिति में योजना से बाहर निकलने की अनुमति है।
Q3: अगर लाभार्थी की मृत्यु हो जाए तो क्या होगा?
लाभार्थी की मृत्यु के बाद पेंशन उसके जीवनसाथी को मिलेगी। यदि जीवनसाथी भी नहीं है, तो संचित राशि नामांकित व्यक्ति को दी जाएगी।
Q4: क्या इसमें सरकारी योगदान है?
हाँ, सरकार पात्र लाभार्थियों को उनके योगदान का 50% या 1,000 रुपये प्रति वर्ष (पहले 5 वर्षों के लिए) प्रदान करती है।
Q5: अंशदान राशि कितनी बार बदली जा सकती है?
आप पेंशन राशि या अंशदान को वर्ष में एक बार बदल सकते हैं।
निष्कर्ष
अटल पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के व्यक्तियों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का एक उत्कृष्ट प्रयास है। इसके सरल नामांकन, कम अंशदान और गारंटीड पेंशन इसे आम नागरिकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। यदि आप अपनी वृद्धावस्था को सुरक्षित बनाना चाहते हैं, तो इस योजना में नामांकन अवश्य करें।
सावधान रहें और सही जानकारी के साथ योजना का लाभ उठाएं !